
दिल्ली दिल वालों की मातृ 1 रुपये की थाली: दिल्ली में रोज़ 11 से 1 बजे लगती है हर ज़रूरतमंद का पेट भरने वाली श्याम रसोई,
मानव जीवन भोजन सबसे मूलभूत ज़रूरतों में से है. हम सभी जानते हैं कि आज भी हमारे देश में दो जून की रोटी की व्यवस्था करने में लाखों लोग नाकाम हो जाते हैं. और रोजी रोटी के लिए एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में काम करने जाना पड़ता है काम ना मिलने के कारण कई बर लोगों को भूख पेट सोना पढ़ता है मगर कुछ नेक लोग हैं, जो इसके लिए काम करते हैं ताकि किसी को भूखे न सोना पड़े.दिल्ली में एक शख़्स महज़ एक रुपये में लोगों को भोजन करवाते हैं. भुट्टो गली गली में नांगलोई के श्याम रसोई में सुबह 11 बजे से 1 बजे के बीच महज 1 रुपये में थाली मिलती है. श्याम रसोई के बाहर न केवल गरीब, बल्कि हर वर्ग के लोग लाइन लगाते हैं.
थाली में चावल, रोटी सोया पुलाव, पनीर, सोयाबीन, और हलवा है, जबकि मेन्यु हर दिन बदलता है. दोपहर के भोजन के अलावा, सुबह की चाय भी यहां 1 रुपये में उपलब्ध है.
Delhi: 'Shyam Rasoi', near Shiv Mandir in Nangloi is serving food to people at Re 1.
Praveen Goyal, owner says "People donate in kind & help financially. Earlier the cost of food was Rs 10, but we reduced it to Re 1 to attract more people. At least 1,000 ppl eat here each day." pic.twitter.com/QKJ3htAsQN
— ANI (@ANI) October 11, 2020
ANI की रिपोर्ट के अनुसार, श्याम रसोई को चलाने वाले 51 साल के परवीन कुमार गोयल पिछले दो महीने से श्याम रसोई चला रहे हैं.उन्होंने कहा, “हम यहां 1,000 से 1,100 लोगों को खाना खिलाते हैं और तीन ई-रिक्शा के जरिए इंद्रलोक, साई मंदिर जैसे आस-पास के इलाकों में पार्सल भी उपलब्ध कराते हैं. श्याम रसोई में लगभग 2,000 दिल्लीवासी भोजन करते हैं.”ANI से बात करते हुए गोयल ने कहा, “हमें लोगों से दान मिलता है. कल एक बूढ़ी औरत आई और हमें राशन देने की पेशकश की. दूसरे दिन किसी ने हमें गेहूं दिया और इस तरह हम पिछले दो महीनों से इसे चला रहे हैं. लोग डिजिटल भुगतान मोड के माध्यम से भी हमारी मदद करते हैं. हमारे पास सात और दिन चलने की क्षमता है. साथ ही, मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि वे राशन की मदद करें और इस सेवा को जारी रखें.पहले प्रति थाली की कीमत 10 रुपये थी, लेकिन पिछले दो महीनों के लिए यह अधिक लोगों को आकर्षित करने के लिए 1 रुपये कर दी गई. इस काम के लिए एक व्यापारी रंजीत सिंह ने गोयल को यह दुकान दी है. सिंह ने कहा, “हम किसी से नकद नहीं लेते हैं. यह दान के लिए और यहां तक कि डिजिटल पेमेंट मोड के माध्यम से भी खुला है लेकिन हमने नकद नहीं लिया है. इस क्षेत्र के कई लोग नियमित रूप से खाने के लिए यहां आते हैं और हम खुश हैं.”