
ममता को सलाम लॉकडाउन में फंसा बेटा दूसरे राज्य में बेटे को घर लाने के लिए एक मां 1400 किमी चलाई स्कूटी,
तेलंगाना के निजामाबाद की रहने वाली एक महिला शिक्षिका प्रदेश में लागू सख्त लॉकडाउन के बीच अपने एक साहसपूर्ण काम की वजह से चर्चा में हैं। निजामाबाद के बोधान में एक स्कूल में पढ़ाने वाली रजिया बेगम लॉकडाउन के कारण आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में फंसे अपने बेटे को घर वापस लाने के लिए अपनी स्कूटी से ही निकल पड़ीं। तकरीबन 1400 किमी की दूरी स्कूटी से तय करने के बाद आखिरकार वह अपने बेटे को घर वापस लाने में सफल रहीं। 48 साल की महिला रजिया बेगम ने बताया कि मेरा छोटा परिवार है। दो बेटे हैं। पति की 15 साल पहले मौत हो गई थी। बड़ा बेटा इंजीनियरिंग ग्रेजुएट है और छोटा बेटा निजामुद्दीन अभी पढ़ाई कर रह है। वह डॉक्टर बनना चाहता है। वह नेल्लोर में था। उन्होंने बताया, ‘एक महिला के लिए टू-व्हीलर पर ये सफर आसान नहीं था, लेकिन बेटे को वापस लाने की मेरी इच्छाशक्ति के आगे डर भी गायब हो गया। मैंने रोटी पैक कीं और निकल पड़ी। रात में कोई ट्रैफिक नहीं, सड़कें खाली थीं। इससे डर जरूर लगा, लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी।’ रजिया हैदराबाद से करीब 200 किलोमीटर दूर निजामाबाद स्थित एक सरकारी स्कूल में हेडमास्टर हैं।बीते महीने निजामुद्दीन नेल्लोर के रहने वाले एक दोस्त के साथ अपने घर बोधान आया था।इस दौरान निजामुद्दीन के दोस्त को खबर मिली कि उसके पिता की तबीयत ठीक नहीं है। जानकारी मिलते ही 12 मार्च को निजामुद्दीन अपने दोस्त को लेकर नेल्लोर निकल गया। इसी बीच कोरोना महामारी के मद्देनजर लॉकडाउन लागू हो जाने के बाद वह घर वापस नहीं आ सका।
रजिया बेगम हैदराबाद से नेल्लोर के लिए सोमवार को निकलीं और बुधवार शाम को बेटे को लेकर घर लौटींं
उन्होंने बताया- सड़कें खाली थीं, कुछ इलाकों में सन्नाटा था, डर भी लगा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी