
ठेका है इसलिए खड़े थे,बैंक होता तो अब तक हो जाते बेहोश लोग ।।
लॉकडाउन के दौरान कई राज्य सरकारों ने शराब की दुकानें खोलने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया था। कई राज्य शराब की होम डिलिवरी करने को भी तैयार थे। देश में पहले और दूसरे लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री भी बंद थी, केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने अपना राज्यसव कम होते देख शराब के ठेके खोलने की अनुमति दे दी पर भी इस बात की किसी को परवाह नहीं है कि शराब के ठेकों पर लोगों की भीड़ इकट्ठा होने से संक्रमण के फैलने की आशंका ज़्यादा है आज से लॉकडाउन 3.0 में कुछ शराब की दुकानें खुल रही हैं, जिससे एक बार फिर ये आय शुरू हो सकेगी।पर यह सोचने वाली बात है की लोगो इस लाइन मै ना तो चकर आ रहे है ना ही लोग लम्बी लाइन की कोई परवाह है बड़ी हैरानी की बात है वहाँ लोग बिना संक्रमण प्रवाह किए बिना लाइनों में खड़े हैं शराब लेने के लिए अगर यही लाइन अगर बैंक की होती तो लोग बेहोश हो जाते