
WHO ने आखिरकार बता दी सच्चाई, क्या हवा में फैलता है कोरोना? जल्दी से पढ़ लीजिए,
कोरोना वायरस को तेजी से फैलता देख पूरी दुनिया में डर का माहौल है. इस जानलेवा वायरस के मामले दिन-प्रतिदिन तेजी से बढ़ रहे हैं. इस वायरस के इतनी तेजी से फैलने के कई कारण बताए जा रहे हैं. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इसके हवा से फैलने की बात भी कही है. हालांकि WHO (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन) ने इसे लेकर स्पष्ट जानकारी दी है. दरअसल, देशभर में कोरोना वायरस को लेकर ये अफवाह थी कि कोरोना वायरस मरीज की श्वसन बूंदों से फैल सकता है और वो हवा में भी कई घंटों तक जीवित रह सकता है. शुक्रवार को दिए अपने बयान में WHO ने इसे अर्ध सत्य करार दिया और बताया कि ये हवा में लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकता है.
क्या कोरोना संक्रमित व्यक्ति के पास आने से बीमारी लग सकती है?
अगर आप किसी ग्रॉसरी स्टोर में जाते हैं जिसके मालिक को कोरोना का संक्रमण हो चुका है. इस स्थिति में आपको भी कोरोना का संक्रमण हो सकता है. विशेषज्ञ कहते हैं कि कोरोना का संक्रमण उसके द्वारा दिए गए पैसे रखने या आपके द्वारा दिए गए कार्ड को स्वैप करने के बाद लौटाने की वजह से भी हो सकता है.
कैसे फ़ैल सकता है कोरोना?
कोरोना के संक्रमण फैलने की चार वजह हो सकती है. आप संक्रमित व्यक्ति के पास कितनी देर रहे? आप उसके कितने पास गए? क्या उस व्यक्ति के छींकने या खांसने की वजह से आपको छींटे पड़े? आपने अपने चेहरे को कितनी बार छुआ? आपके उम्र और स्वास्थ्य की वजह से भी कोरोना के संक्रमण का असर पड़ता है.
छींकने या खांसने से क्या होता है?
अगर कोरोना से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उस प्रक्रिया में उसके मुंह या नाक से कुछ बूंदें गिरती हैं, इनसे कोरोना का संक्रमण हो सकता है. एक प्रोफेसर ने कहा कि कोरोना का वायरस इन बूंदों की मदद से दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर सकता है.
क्या आप कोरोना प्रभावित व्यक्ति की पहचान कर सकते हैं?
आप कोरोना से संक्रमित व्यक्ति की पहचान कर लें, यह जरूरी नहीं है, कोरोना से संक्रमण के लक्षण आम सर्दी-जुकाम की तरह ही होते हैं. कोविड 19 की पहचान लैब में जांच के बाद ही की जा सकती है.
क्या कोरोना वायरस का संक्रमण टच स्क्रीन या बस स्टॉप पर लगे खंभे से भी फ़ैल सकता है?
ऐसा हो सकता है. हांग कांग के एक बौद्ध मंदिर में पहुंचे लोगों में एक-दूसरे व्यक्ति को कोरोना का संक्रमण कुछ इसी तरह हुआ है. इस मन्दिर से लिए गए सैंपल के अनुसार बाथरूम के नल और किताब पर ढंके कपड़े में भी कोरोना वायरस के सबूत मिले हैं.